JAINA Virtual Tirth Yatra & Darshan - Mahavirji, Rajasthan
[संगीत] तीर्थ यात्रा कर ले प्राणी भाव से तार जाए [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] [संगीत] उत्तम सर्वोत्तम श्रेष्ठ ऐसे हैं हमारे जैन तीर्थ स्थल उन्हें कोटी कोटी वंदन महावीर जी राजस्थान एक ऐसी धारा जहां के दर्शन मंत्र से मां को अद्भुत शांति की अनुभूति होती है मां प्रफुल्लित होता है और आत्मा आनंदित होती है आई इस धन्य धारा के तीर्थ दर्शन के लाभार्थी को मिले डॉक्टर महेंद्र और आशा पांडे और परिवार हम लाभार्थी से निवेदन करेंगे की वे अपने विचार हमारे समक्ष प्रस्तुत करें मेडल का महावीर भगवान इन इंडिया मोस्ट चेंज्ड ऑफ एन पिक्चर ऑफ दिस आइडल और देवर होम और बिज़नेस दिस विलेज नो होल्स में टेंपल्स विच कंटेंस सीरियल ब्यूटीफुल आइडल्स ऑफ जो 24 तीर्थंकर जो ऑफ विच आर ब्यूटीफुल और यूनिक इन डी ऑन वे डी स्ट्रीट टेंपल्स और नॉन आज महावीर जी टेंपल डी कीर्ति आश्रम चटेलर और भगवान पार्श्वनाथ जान आया है विच इस अलसो नाउन स कांच का मंदिर बिकॉज़ ऑफ इट्स मैग्नीफिसेंट कलरफुल ग्लास क एच एयर देवर इस एन रिलिजियस मेला हर डी टाइम ऑफ महावीर जयंती दी यूनिवर्स थ्री ऑफ डी बर्थ ऑफ मी वेवर भगवान और 24 तीर्थंकर दिस फेयरलेस फाइव डेज विद सर्विस कृष्णा कृष्णा वन फ्यूल्स ऑफ इनर पीस और ट्रेंकुलिटी ऑफ डूइंग अभिषेक ऑफ डी महावीर स्वामी आइडल आते महावीर जी ड्यूरिंग ए मेजर फंक्शन मी फादर डॉक्टर महेंद्र पांडे और मदर आशा पांडे और एक्सट्रीमली होंड तू स्पॉन्सर वर्चुअल टीथ यात्रा तू वन ऑफ डी मोस्ट स्पिरिचुअल प्लेस पर जेंस महावीर जी और डी परफेक्ट आइडल ऑफ भगवान महावीर जय जय राम थैंक यू तो चलिए संघ को निमंत्रण है की हम कैलिफोर्निया न्यूयॉर्क और सामग्र अमेरिका से चले भारत की धन्य धारा पर [संगीत] [संगीत] [संगीत] श्री महावीर 24 तीर्थंकरों के कल्याण को अनंत अनंत सिद्धांतों की पवित्र भूमि है महावीर से प्रसिद्ध हुआ यह कारी मां वंचित फलदार दर्शन कर लो पुण्य काम लो प्रभु के अनेक पुरातत्व ऐतिहासिक संपदा को अपने में समेटेकरी प्रतिमाओं से समृद्ध है भारत की धारा [संगीत] ऑन से पूरे तीर्थ ही बन गए हैं ऐसा ही जैन धर्म का प्रमुख सब का प्रिया और प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है भारत के सबसे बड़े प्रांत राजस्थान [संगीत] आमतौर पर तीर्थंकर के जन्म तप या मोक्ष कल्याणक्य स्थान तीर्थ कहलाने हैं यहां कोई तीर्थंकर के कल्याणक तो नहीं हुए पर इस तीर्थ लोगों के कल्याण कर दिए हैं लोगों के संकट दूर होते हैं मनोकामनाएं पूर्ण होती है इसीलिए यहां जैन ही नहीं सभी धर्म संप्रदाय पंत वी वर्गों के लोग बड़ी श्रद्धा से आते हैं भक्ति करते हैं और मनवांछित फल पाते हैं जैन धर्म के 24वें अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर की अतिशी कारी प्रतिमा जी से प्रसिद्ध यह चंदन गांव श्री महावीर जी हो गया दिल्ली मुंबई मुख्य मार्ग पर हिंडौन जिले में स्थित यहां के रेलवे स्टेशन का नाम भी श्री महावीर जी है जहां कई रेलगाड़िया यात्रियों को लाती और ले जाति है और ये क्षेत्र हमेशा यात्रियों के स्वागत को तत्पर उनके सम्मान में कहता है पधारो म्हारे देश पधारो म्हारे देश [संगीत] राजस्थान में और भी कई तीर्थ स्थान है जो अतिशी कारी प्रतिमाओं की वजह से प्रसिद्ध है चांदखेड़ी तिजारा या पदमपुर पर महावीर कोटा दिल्ली वी अन्य जगह से पास होने से यहां भक्तों का तांता लगा राहत है रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 7 किलोमीटर है अतः क्षेत्र से यात्रियों के लिए बस चलाई जाति है दूर से ही मंदिर के गगन चब्बी शिखर वी मंदिर [संगीत] [संगीत] मंदिर का विशाल मुख्य द्वारा खुलना है तो प्रवेश करने पर भक्ति आनंदित हो जाते हैं विशाल चौकोर परकोटे के मध्य निर्मित भव्याचीनाले को देख मां प्रफुल्लित हो जाता है मंदिर के सामने सफेद संगमरमर से बने 52 फिट ऊंचे मानस स्तंभ के दर्शन होते हैं जिसमें चारों दिशाओं में कर प्रतिमा भगवान महावीर की विराजमान है [संगीत] प्राकृतिक सौंदर्य के बीच 16वीं शताब्दी में बना है यह मंदिर भगवान के अतिशी से प्रभावित होकर बसवा निवासी श्री अमरचंद बिल्ला ने यहां एक सुंदर मंदिर का निर्माण करवाया जयपुर के तत्कालीन नरेश राजा प्रताप सिंह जी ने एक गांव श्रीजी को भेट में दे दिया [संगीत] [प्रशंसा] बनी हुई है इस विशाल मंदिर के गगन शिखर को स्वर्ण कलशो से सजय गया है [संगीत] इन स्वर्ण कलशो पर फहराती जैन धर्म की ध्वजाए सम्यक दर्शन ज्ञान एवं चरित्र का संदेश दे रही है मंदिर में जैन तीर्थंकरों की कई भाव मूर्तियां प्रतिष्ठित है इसके सी मंदिर की दीवारों पर स्वर्णपतचिकारी का कम किया गया है जो मंदिर के स्वरूप को बेहद कलात्मक रूप देता है नीचे मंदिर के द्वारा पर भगवान महावीर के चिन्ह शेर की मूर्ति शिल्प बने हुए हैं मुख्य द्वारा पर माता त्रिशला के 16 स्वप्न है मंदिर के अंदर प्रवेश करने पर अद्भुत आनंद वी शांति की अनुभूति होती है [संगीत] लाल पाषाण में बनी पद्मासन में विराजमान प्रतिमा जी सबका मां मो लेती है [संगीत] यहां पूजन आरती [संगीत] आसपास की सुंदर बनी वीडियो में अनेक तीर्थंकरों की प्रतिमाएं [संगीत] मंदिर की बाहरी दीवार पर जैन कथा नको पर आधारित बहुत ही सुंदर मूर्ति शिल्प उठेरे हुए हैं [संगीत] कुछ 400 साल पहले की बात है एक गे अपने घर से प्रतिदिन सुबह घास चराने के लिए निकलते थी और शाम को घर लोट आई थी कुछ दिन बाद जब गे घर लौटती थी तो उसके थान में दूध नहीं होता था इससे परेशान होकर एक दिन उसके मलिक चर्मकार ने सुबह गे का पीछा किया और पाया की एक विशेष स्थान पर वह गे अपना दूध गिरा देती थी यह चमत्कार देखने के बाद चर्मकार ने इस टाइल की खुदाई की खुदाई ने श्री महावीर भगवान की प्राचीन पाषाण प्रतिमा प्रकट हुए जिससे प्रकार वह बेहद आनंदित हुआ [संगीत] परिसर में बाज रहे महावीर चालीसा वह भजन की आवाज सुन जैन वाले यात्री घंटे की आवाज सुनते ही प्रथम अभिषेक देखने दौड़ पढ़ने हैं भक्ति भाव से दर्शन पूजन के बाद वह राजस्थानी व्यंजन मठरी कचोरी जलेबी पोहे आदि का आनंद लेते हैं एक जमाना था जब लोग स्वयं भजन बनाते थे अब क्षेत्र द्वारा संचालित भोजशाला में जहां एक साथ 400 लोगों के भजन करने की व्यवस्था है शाम को दिए की दुकान सजती है दिए लेकर संध्या आरती में भक्ति झूठ उठाते हैं या दृश्य बहुत ही मनोहरी होता है यहां चलने वाली ऊंट गाड़ी में बैठकर यात्री शांति वीर नगर को जाते हैं जो बहुत ही रमणीक स्थल है [संगीत] यहां शांति नाथ भगवान की एक सरगम मुद्रा 32 फिट ऊंची प्रतिमा को देख भाव विभोर हो जाते हैं [संगीत] यहां एक जैसी 24 [संगीत] महाराज के नाम से इस उपखंड का नाम शांति वीर नगर [संगीत] [प्रशंसा] [संगीत] बनवाया हुआ एक बहुत सुंदर कांच का मंदिर है काफी बड़े परिसर में स्थित कृष्णाबाई जी के द्वारा बनवाया गया मंदिर और भी मंदिर यहां [संगीत] पर मिले अभिलेख आदि संग्रह करके रखें गए हैं इसे जैन कल और संस्कृति को करीब से छोड़ने का मौका मिलता है भगवान महावीर के जीवन पर आधारित कई सुंदर पेंटिंग बनी हुई है [संगीत] यहां सिर्फ पुस्तकालय में जैन संस्कृति से संबंधित प्राचीन ग्रंथ और पांडुलिपि या भी मौजूद हैं अगर थोड़ा वक्त लेकर जय जाए तो श्री महावीर जी से 90 किलोमीटर आगे चमत्कार जी जैन मंदिर और रणथंबोर नेशनल पार्क देखने जा सकते हैं इसी तरह दिल्ली वापस आते वक्त श्री महावीर जी से 84 किलोमीटर पहले भरतपुर पक्षी बिहार भी देखा जा सकता है महावीर जी का मेला श्री महावीर जी ने हर साल महावीर जयंती के अवसर पर चैत्र शुक्ला तेरस से कृष्णा द्वितीय तक पांच दिवसीय मेला लगता है इस मिले में प्रभु की प्रतिमा को रथ पर बिठाकर गंभीर नदी के तट पर ले जय जाता है कहते हैं की जो पहले बार प्रभु जी को रेड पर बिताया तो रथ आगे नहीं खिसका बहुत प्रयासों के बाद टाइल से निकालना वाले चर्मकार को बुलाया गया उसका हाथ लगा तब पहिया खिसका यह परंपरा आज भी कायम है आज भी उसे परिवार के वंश अंगूठा लगाते हैं तब रथ चला है नदी तट पर भाव पंडाल में प्रतिमा का अभिषेक किया जाता है इस रथ यात्रा का खास आकर्षण मीणा और गुर्जर समुदाय की मृत्यु मंडलीय होती हैं [संगीत] मनौती मानते हैं और जय-जय भगवान के रथ का संचालन सरकारी अधिकारी द्वारा किया जाता है चरण चिन्ह छतरी भगवान महावीर की प्रतिमा के उद्धव स्थल पर एक कलात्मक छतरी में भगवान के चरण सिंह प्रतिष्ठित हैं आज भी यहां दुग्ध भीख करने की हो सी लगी रहती है यहां चढ़ना वाली सामग्री और राशि आज भी उसे चर्मकार के वंशज को प्राप्त होती है जिसने प्रतिमा जी को भूमि से निकालना का सौभाग्य प्राप्त किया था [संगीत] इस छतरी के चारों और आकर्षक उद्यान विकसित किया गया है इस उद्यान में चरण चिन्ह छतरी के सामने वाले भाग में 21 फिट ऊंचा महावीर स्तूप है जिसके पलकों पर भगवान महावीर के उपदेश अंकित हैं जो अहिंसा अनेकांड वी जिओ और जीने दो का गुणगान करते हैं यह स्तूप भगवान महावीर के 25वें निर्वाण उत्सव के पवन उपलक्ष्य ने निर्मित किया गया [संगीत] [संगीत] ध्यान केंद्र वर्तमान में जहां भगवान महावीर की मूल नायक प्रतिमा विराजमान है उसके नीचे की मंजिल में ही प्राचीन लाल पाषाण से निर्मित कलात्मक मंदिर विद्यमान है इस स्थल की सफाई कर कर इसे ध्यान केंद्र के रूप में विकसित किया गया है ध्यान केंद्र में भगवान महावीर के प्रतिमा का एक विशाल चित्र शोभायमन है भक्तजन निर्विकार एकाग्रता से मूल नायक भगवान महावीर के चित्र के समक्ष बैठकर ध्यान मगन हो सके इस भावना के साथ ध्यान केंद्र को तैयार किया गया है 1998 में आयोजित श्री महावीर जी सहस्त्रनाम भी समारोह में आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के सानिध्य में इस ध्यान केंद्र का शुभारंभ किया गया था ध्यान केंद्र में स्थापित बहुमूल्य रतन प्रतिमाओं का अद्वितीय संकलन प्रमुख आकर्षण का केंद्र है यहां पन्ना मानक आदि रतन की बहुत ही सुंदर 385 प्रतिमाएं हैं जिन्हें देखकर यात्री मंत्र मुक्त हो जाते हैं 75 सालों से निकाल रही पदयात्रा में जयपुर से निकाल रही तीन पदयात्रा के अलावा प्रत्येक जिले से पदयात्रा आते हैं 1930 में प्रारंभ आयुर्वेदिक औषधालय में शास्त्रोक्त विधि से निर्मित औषधीय द्वारा चिकित्सा की जा रही है प्रतिवर्ष 50 हजार ग्रामीण इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं महावीर योग प्राकृतिक चिकित्सा एवं शोध संस्थान की 1986 में शुरुआत की सिद्धू बाल जैन अस्पताल एवं प्रस्तुति ग्रह 1996 से संचालित किया जा रहा है इतनी भी धूप टेप या सुख पड़े और इस धारा के रंग कभी फीके नहीं पढ़ते फिर वे चाहे कपड़ों के हो या भक्ति के हमेशा खुशी उमंग और उत्साह से जीने वाला राजस्थान दिगंबर जैन संस्कृति की अमूल्य धरोहर धर्म तीर्थ विश्व के गौरव की इस विरासत के 1025 वर्ष पूर्ण होने पर पलक पॉड बेचकर आतुर है आपके [संगीत] मां में भगवान सदा विराजे ठोकी महिमा है निराली भक्ति सरगम बजे मां की आंखें खोलो प्रभु का यह दर्शन हो जाएगा जो भी पुण्य कमेगा तू तेरे ही कम आएगा तेरी ठोकी महिमा [संगीत] निराली भक्ति संगम की आंखें खोलो प्रभु का यह दर्शन हो जाए [संगीत]
2023-04-17 20:06